Thursday 22 March 2012

खालिस बातें

पेन जादुई है
शब्द चमत्कारी 
खाली पन्ना luxury 
और लिखने को कितना कुछ 

इस दुनिया में जितनी बातें हैं 
सभी लिखी जा सकती हैं 
पन्नो पे उतारी जा सकती हैं 
कब किसकी बारी आये 
किसके ज़रिये आये 

आयें बातें, जितनी आना चाहें
मैं भी तैयार हूँ, जरिया बनने के लिए
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सीधे सीधे चलूँ या फिर वो सीधी रेखा ही उठा कर फ़ेंक दूँ
चुपचाप बात मान लूँ  या फिर कानों में रुई डाल लूँ

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2 comments:

Kavyitri ko rat race kha gyi!

woh kavyitri kahan gyi use dhondti hun main  corporate kha gya us kavriti ko  par weekends to mere hain,  choices to meri hain  corporate me...