Monday 26 May 2014

बातें

क्या जानना चाहते हो मेरे बारे में
क्या ज़िन्दगी बिताना चाहते हो मेरे साथ
कितना पसंद करते हो तुम मुझे
90% ?
यह 10% का हाशिया बरकरार रखना
यह छूट मिलती रही मुझे नापसन्दीदगी की
इतने में अपने दिल की कर लूंगी मैं !!
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ग़ालिब न हुए होते तो कितने ही शायर न होते
और अगर गम न होते तो भी
कितने ही शायर न होते

लिखावट का गम से कोई रिश्ता है क्या?
लिखावट का अपनेपन से ज़रूर रिश्ता है
और खालीपन से?
आप खुद के लिए लिखते हो
आपकी रूह जो बोलती है
उसे पन्ने पे उकेर देते हो
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चाहत क्या होती है
किसी को चाहना क्या होता है?
किसी को पाने की मुराद क्या होती  है?

चाहत किस रंग की होती है?
किस तरंग की बनी होती है
किस ढंग में नसों में घुलती है
और दिलोदिमाग पे छा जाती है

चाहत क्या होती है?
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कितने ही लोगों को मैं ,
पेन और पेपर पकड़ाना चाहती हूँ
कितने ही लोगों के पास कितना कुछ है यहाँ 
लिखने को 
हज़ार भरेंगे पन्ने यहाँ ,
जब लिखेंगे ये कहानियाँ अपनी ज़िन्दगी की 



2 comments:

  1. तीनों बातें बहुत सुन्दर लगीं !

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Kavyitri ko rat race kha gyi!

woh kavyitri kahan gyi use dhondti hun main  corporate kha gya us kavriti ko  par weekends to mere hain,  choices to meri hain  corporate me...