पतंगों को भाता है आसमान
पतंगों को चाहिए बस आसमान
उसे नापसंद है तुम्हारी छत, मेरी छत
पतंगे नहीं चाहती तांड पर बैठकर
करना इंतज़ार अगली सक्रांत का
न ही वो चाहती हैं पेड़ों में फसना
क्यूँकि फिर शुरू होता है इंतज़ार
बारिशों का
पतंगे तो आसमान के लिए बनी हैं
उस एक दिन के लिए बनी हैं
जब बच्चे गली गली उसके पीछे भागते हैं
उस एक दिन जब आसमान सिर्फ उसका होता है
जब बच्चे गली गली उसके पीछे भागते हैं
उस एक दिन जब आसमान सिर्फ उसका होता है
और परिंदे वहां पर भी नहीं मारते हैं
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