पतंगें तो बस शिकार होती हैं
असल लड़ाई तो नीचे ज़मीन पे होती है
आज शाम देखा दो पतंगे आसमान में तनी थी
कुछ दूरी बनाए खड़ी थी
शायद अपनी-अपनी उड़ानों में मस्त थी
फिर कहाँ से एक पतंग आक्रामक हो गयी
और दूसरी पे धावा बोलने लगी
दूसरी हर बार दूर भागती
जब-जब पहली लड़ने करीब आती
बात साफ़ थी-
पहली पतंग लड़ाई को आमदा थी
जबकि दूसरी तो आज सिर्फ घूमने निकली थी
यह उड़ान दूसरी की आखिरी उड़ान निकली
जब पहली ने झट से डोर काट
उसे आसमान से रफा दफा कर दिया
पहली पतंग विजय ध्वनि करती हुई
आसमान में इधर उधर इठलाई
पर कुछ ही देर में उसे महसूस हो गया
अब न उसे कोई देखने वाला रहा
न साथ लड़ने वाला
उसे याद आया वो तो सिर्फ दो ही थी आसमान में
काफी देर अकेले बोर होने के बाद
वह पतंग नीचे खींच ली गई
असल लड़ाई तो नीचे ज़मीन पे होती है
आज शाम देखा दो पतंगे आसमान में तनी थी
कुछ दूरी बनाए खड़ी थी
शायद अपनी-अपनी उड़ानों में मस्त थी
फिर कहाँ से एक पतंग आक्रामक हो गयी
और दूसरी पे धावा बोलने लगी
दूसरी हर बार दूर भागती
जब-जब पहली लड़ने करीब आती
बात साफ़ थी-
पहली पतंग लड़ाई को आमदा थी
जबकि दूसरी तो आज सिर्फ घूमने निकली थी
यह उड़ान दूसरी की आखिरी उड़ान निकली
जब पहली ने झट से डोर काट
उसे आसमान से रफा दफा कर दिया
पहली पतंग विजय ध्वनि करती हुई
आसमान में इधर उधर इठलाई
पर कुछ ही देर में उसे महसूस हो गया
अब न उसे कोई देखने वाला रहा
न साथ लड़ने वाला
उसे याद आया वो तो सिर्फ दो ही थी आसमान में
काफी देर अकेले बोर होने के बाद
वह पतंग नीचे खींच ली गई
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