दुखता है मुझे दुःख, दिखता कभी नहीं
कभी दिखे तो हाथ में पकड़
दूर फ़ेंक आऊँगी
भाव हैं मेरे पास, शब्द नहीं मिलते
जिस दिन मिलेंगे गले में खड़े किये बाँध खोल दूंगी
कलम है, किताब भी है मेरे पास
पर हर शाम पन्ने नहीं भरते
बातें जब गले में आ खड़ी होंगी
पन्नों पर भी छाप दे जायेगी
गम भी है और वक्त भी
पर आंसू नहीं गिरते
इन्ही आंसुओं की राह तकते तकते
अपनी ticket कट जायेगी
इन्ही आंसुओं की राह तकते तकते
अपनी ticket कट जायेगी
hmmmm..दुखता है मुझे दुःख, दिखता कभी नहीं
ReplyDeleteकभी दिखे तो हाथ में पकड़
दूर फ़ेंक आऊँगी...hmmmm
:) shukriya
ReplyDelete