तुम ऐसी जगह पे ला देते हो, जहाँ से मैं
ना प्यार करने लायक रह जाती हूँ , ना नफरत
तुम ही लायक नही रह जाते मेरी नज़र में
बुरा ये है - तुम्हारे साथ यूँ रहते-रहते
मैं खुद के भी काबिल नही रह जाती
बुरे के साथ रहोगे तो बुरा बन ही जाओगे
अटपटे के साथ रहोगे तो अटपटे बन ही जाओगे
फिर वक्त बीतने के साथ
यह भूलने लग जाते हैं या यूँ कह लो
फर्क ही नहीं पड़ता की
पहले कौन बुरा था ?
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