दिमाक कहे, दिमाक सुने
दिमाक सोचे, दिमाक बूझे
दिमाक गुस्सा करे, दिमाक शांत करे
दिल कहाँ है इन सब में?
जो महोदय कभी क्रांतिकारी बनते थे,
ग़दर फैलाते थे, जंग छेड़ते थे
आज शांत बैठे हैं !
मेरे दिल को दुनियादारी किसने सिखाई
मेरे दिल को चुप रहना तो नहीं आता था
उसकी बुर्शर्ट पे समझदार का तमग़ा किसने लगाया
उसे मूक-दर्शक बने बस देखते रहना, तो नहीं आता था
मेरे दिल को चुप रहना तो नहीं आता था
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