Title - उड़न तश्तरी उड़न तश्तरी उड़न तश्तरी
उड़न तश्तरी उड़न तश्तरी उड़न तश्तरी
आये मेरे घर की छत पे कभी
और बैठा कर मुझे सैर पे ले जाए
उड़न तश्तरी उड़न तश्तरी उड़न तश्तरी
मैं जहाँ चाहूँ वहाँ उतारे
मैं जब तक चाहूँ मुझे वहां रुकाए
और फिर उड़ा ले जाए
उड़न तश्तरी उड़न तश्तरी उड़न तश्तरी
मैं चाहूँगी जाना
दीदी के घर, सीमा दीदी के घर-बॉम्बे
मैं अपने बेटे को उस उड़न तश्तरी में
साथ बिठा के, खुद से चिपका के
ले जाऊँगी मधु मासी के घर
दीदी के घर, सीमा दीदी के घर-बॉम्बे
मैं अपने बेटे को उस उड़न तश्तरी में
साथ बिठा के, खुद से चिपका के
ले जाऊँगी मधु मासी के घर
उड़न तश्तरी उड़न तश्तरी मेरी उड़न तश्तरी
मधु मासी कि ड्राइंग रूम कि खिड़की से
हम होंगे दाखिल, वहाँ रुकेंगे खाएँगे पियेंगे
और फिर निकल पड़ेंगे बॉम्बे कि और
मधु मासी कि ड्राइंग रूम कि खिड़की से
हम होंगे दाखिल, वहाँ रुकेंगे खाएँगे पियेंगे
और फिर निकल पड़ेंगे बॉम्बे कि और
रास्ते में एक पेड़ पे मासी बेटी रुक जायेंगे
ठंडी हवाएं किसी ऊंचे पेड़ कि मज़बूत डाली पे
बैठ कर हम खाएँगे
मेरे बच्चे के घुंघराले बाल उस हवा से
और भी घुंघराले हो जायेंगे
उड़न तश्तरी उड़न तश्तरी उड़न तश्तरी
अब मासी अपने बेटे को उसके घर पे देगी छोड़
और बेटा अपनी मम्मी को देख कर
हो जाएगा खुश और चिपक जाएगा मम्मी से.....
अपनी toothy smile लिए
उड़न तश्तरी उड़न तश्तरी उड़न तश्तरी
अब मासी अपने बेटे को उसके घर पे देगी छोड़
और बेटा अपनी मम्मी को देख कर
हो जाएगा खुश और चिपक जाएगा मम्मी से.....
अपनी toothy smile लिए
उड़न तश्तरी उड़न तश्तरी उड़न तश्तरी
आये मेरे घर की छत पे कभी
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