दिल तू हौले-हौले संभल जा
बात मान जा, दरखास्त मान जा
तुझे रास्तों पे सँभालते हुए ऐसे चलते हैं हम,
जैसे रूई के फोहे हाथ में ले रखे हों
डर सताता है, किसी के हाथ मारने
की कोशिश भर से ही
राख ना हो जाए यह दिल मेरा
भला कब तक यूँ तुझे संभालें,
कब तक तुझे बचाते फिरें
इसीलिए कहती हूँ
तू हौले हौले संभल जा
बात मान जा, दरखास्त मान जा
शिकायत मुझे, कुछ और भी है
मसलन, तू क्यूँ उन लच्छेदार बातों में बार-बार आ जाता है
तू क्यूँ उन रास्तों में जाता है
जहाँ तेरे वास्ते सिर्फ फिसलन लिखी है
गौरतलब यह भी है,
तेरी और मेरी कभी ज्यादा बनी नहीं
पब्लिक में मैंने तुझे भाव दिए नहीं
पर सवासेर तू भी था
हाथ आए मौके, तुने भी गवाए नहीं
पर मैं समझती हूँ
तू अब सयाना हो चला है
उम्र भी गिनने लायक हो गई है
सफेद रेशमी धागे कहीं- कहीं दिखने लगे है
मैं समझती हूँ
तू वादों का पक्का हो चला है
फिर काहे का झगडा
और क्यूँ करें इतनी मगजमारी
आ पास बैठ, दो बातें कर ले
आ समझोता कर लें
मैं माफ़ी माँगूँ , तू माफ़ कर दे
मैं तेरी देखरेख से मुक्त हो जाऊं,
और तू मुझे उम्र के इस पड़ाव पर,
सुकून अदा कर दे
बात मान जा, दरखास्त मान जा
तुझे रास्तों पे सँभालते हुए ऐसे चलते हैं हम,
जैसे रूई के फोहे हाथ में ले रखे हों
डर सताता है, किसी के हाथ मारने
की कोशिश भर से ही
राख ना हो जाए यह दिल मेरा
भला कब तक यूँ तुझे संभालें,
कब तक तुझे बचाते फिरें
इसीलिए कहती हूँ
तू हौले हौले संभल जा
बात मान जा, दरखास्त मान जा
शिकायत मुझे, कुछ और भी है
मसलन, तू क्यूँ उन लच्छेदार बातों में बार-बार आ जाता है
तू क्यूँ उन रास्तों में जाता है
जहाँ तेरे वास्ते सिर्फ फिसलन लिखी है
गौरतलब यह भी है,
तेरी और मेरी कभी ज्यादा बनी नहीं
पब्लिक में मैंने तुझे भाव दिए नहीं
पर सवासेर तू भी था
हाथ आए मौके, तुने भी गवाए नहीं
पर मैं समझती हूँ
तू अब सयाना हो चला है
उम्र भी गिनने लायक हो गई है
सफेद रेशमी धागे कहीं- कहीं दिखने लगे है
मैं समझती हूँ
तू वादों का पक्का हो चला है
फिर काहे का झगडा
और क्यूँ करें इतनी मगजमारी
आ पास बैठ, दो बातें कर ले
आ समझोता कर लें
मैं माफ़ी माँगूँ , तू माफ़ कर दे
मैं तेरी देखरेख से मुक्त हो जाऊं,
और तू मुझे उम्र के इस पड़ाव पर,
सुकून अदा कर दे
"दिल तू हौले हौले संभल जा
ReplyDeleteबात मान जा, दरखास्त मान जा"
पर मैं समझती हूँ
ReplyDeleteतू अब सयाना हो चला है
उम्र भी गिनने लायक हो गई है
सफेदी रेशमी धागे कहीं- कहीं दिखने लगे है
मैं समझती हूँ
तू वादों का पक्का हो चला है
very beautiful lines...
Dil ko Manaane samajhaane ka andaz nirala hai... :)
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