रात आई, रात आई
टिमटिमाते तारे साथ लाई
एक तारा उन में सबसे बड़ा
रिश्ते में लगता मामा सा
रात आई, रात आई
कभी सुहावने,
तो कभी डरावने
सपने साथ लाई
रात आई, रात आई
और, लगता है, बिटिया को मेरी, नींद आई
दिन भर धमाचौकड़ी मचाने के बाद
बिटिया ने अब आराम करने की है ठानी
पर इससे पहले की बिटिया सोए
मासी को सुनानी होगी- एक कहानी
कहानी नहीं होनी चाहिए, बोरिंग और बासी
नहीं तो गुडिया ये नहीं सोएगी, सुन लो मासी
फिर ले के बैठे रहना उसे गोद में
जो उसने ठान ली, भला इसी में है की तुमने बात मान ली
सो मासी जल्दी से सुना दो
भालू और गिलहरी की दोस्ती वाली कहानी
और गोद में तुम्हारी आराम से सो जायेगी
यह नटखट शैतान, खुशियों की पुडिया, सयानी
एक बच्चे के मन की बात ..अति सुन्दर
ReplyDeleteजी शुक्रिया :)
Delete:) pyaari see kavita...sundar!!
ReplyDeletethank u jee :)
Deletebeautiful...
ReplyDeleteshukriya shukriya...
Deletebaar baar padhne ka man karta hai..
ReplyDeleteits same with me, whenever i miss her, i read this poem and stare at her foto :)
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